पीएम एफएमई - प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना

 

    खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार की भागीदारी में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी एवं कारोबार सहायता देने के लिए अखिल भारतीय आधार पर “पीएम एफएमई - प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना’’ शुरू की है। 

योजना के उद्देश्य निम्न हैंः-

  • जीएसटी, एफएसएसएआई स्वच्छता मानकों और उद्योग आधार के लिए पंजीकरण के साथ-साथ उन्नयन एवं फाॅर्मलाइजेशन के लिए पूंजी निवेश हेतु सहायता।
  • कुशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में तकनीकी जानकारी देने एवं गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण।
  • बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने के लिए हैंड-होल्डिंग सहायता।
  • पूंजी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता के लिए कृषक उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ), स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी), उत्पादक सहकारिताओं को सहायता।


एक जिला एक उत्पाद
    इस योजना में एक जिला एक उत्पाद दृष्टिकोण के तहत इनपुट की खरीद, सामान्य सेवाओं का लाभ लेने तथा उत्पादों के विपणन के लाभों को प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। राज्य मौजूदा समूहों और कच्ची सामग्री को ध्यान में रखते हुए एक जिले के लिए खाद्य उत्पाद निर्धारित करेंगे। ओडीओपी उत्पाद शीघ्र सड़ने-गलने वाली उपज पर आधारित, अनाज आधारित उत्पाद या व्यापक रूप से जिले और उनके सहयोगी क्षेत्रों में उत्पादित खाद्य उत्पाद हो सकता है। उदाहरण के तौर पर आम, आलू, लीची, टमाटर, साबूदाना, किन्नू, भुजिया, पेठा, पापड़, अचार, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, मत्स्यिकी, पॉल्ट्री, मांस तथा पशुचारा। ओडीओपी दृष्टिकोण के तहत उत्पादन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। हालाँकि, अन्य उत्पादों का उत्पादन करने वाले उद्यमों का भी समर्थन दिया जाएगा। ओडीओपी दृष्टिकोण के तहत उत्पादों के लिए सामान्य बुनियादी ढांचे और ब्रांडिंग और विपणन के लिए समर्थन दिया जाएगा।
व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्यमांे का उन्नयन
    अपने उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना प्रोजेक्ट लागत के 35ः पर क्रेडिट- लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपए प्रति उद्यम तक हो सकती हैं। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10: होना चाहिए और शेष राशि बैंक से ऋण होनी चाहिए।


एफ0पी0ओ0, स्वयं सहायता समूहों एवं कोआपरेटिव को सहायता 
यह योजना 35ः क्रेडिट-लिंक्ड अनुदान सहित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला समेत पूंजी निवेश हेतु एफ0पी0ओ / स्वयं सहायता समूहों / उत्पादक सहकारिताओं को सहायता प्रदान करेगी।

स्वयं सहायता समूहों को प्रारंभिक पूँजी
वर्किंग कैपिटल तथा छोटे औजारों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40,000/-रुपए की दर से प्रारंभिक पूँजी प्रदान की जाएगी। अनुदान के रूप में प्रारंभिक पूँजी एस.एच.जी फेडरेशन के स्तर पर दी जाएगी जो एसएचजी के माध्यम से ऋण के रूप में सदस्यों को दी जाएगी।



सामान्य अवसंरचना
    फपीओ/एसएचजी/सहकारिताओं, राज्य के स्वामित्व वाली एजेंसियों और निजी उद्यमियों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग और इन्क्यूबेशन केंद्र समेत इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 35ः की दर से क्रेडिट-लिंक्ड अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
ब्रांडिंग और विपणन सहायता
    सांझा पैकेजिंग और ब्रांडिंग विकसित करने, गुणवत्ता नियंत्रण, मानकीकरण का विकास करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिए फूड सेफ्टी पैरामीटरों का पालन करने के लिए ओडीओपी दृष्टिकोण अपनाते हुए योजना के अंतर्गत एफपीओ/एसएचजी/सहकारिताओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों एसपीवी को ब्रांडिंग और बिक्री सहायता दी जाएगी। इन संगठनों को सहायता उनके द्वारा तैयार की गई डीपीआर और राज्य नोडल एजेंसी द्वारा दिए गए अनुमोदन के आधार पर दी जाएगी। ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता कुल व्यय की 50ः तक सीमित होगी।
आवेदन की प्रक्रिया
    सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें एफ.एम.ई पोर्टल पर आवेदन कर सकती हैं। क्षेत्र स्तरीय सहायता के लिए नियोजित जिला रिसोर्स पर्सन डीपीआर तैयार करने, बैंक ऋण प्राप्त करने, आवश्यक पंजीकरण तथा एफएसएसएआई के खाद्य मानकों, उद्योग आधार एवं जीएसटी प्राप् त करने के लिए हैंड-होल्डिंग सहायता उपलब् ध कराएंगे। एफपीओ / स्वयं सहायता समूहों/सहकारिताओं, कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर एवं विपणन तथा ब्रांडिंग के समर्थन के लिए आवेदन डीपीआर समेत राज् य नोडल एजेंसी को भेजे जा सकते हैं। राज्य नोडल एजेंसी अनुदान के लिए परियोजना को अवगत कराएंगे और बैंक ऋण के लिए सिफारिश करेंगे। सरकार द्वारा अनुदान ऋणदाता बैंक में लाभार्थी के खाते में जमा किया जाएगा। यदि  ऋण की अंतिम किश्त के संवितरण से 3 वर्ष की अवधि के पश्चात लाभार्थी अगर नियमित ऋण व ब्याज चुका रहा है और उद्यम ढंग से काम कर रहा हो तो यह राशि लाभा र्थी के बैंक खाते में समायोजित की जाएगी। ऋण में अनुदान राशि के लिए बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।


दिशानिर्देश एवं संपर्क 
    योजना के विस्तृत दिशानिर्देश मंत्रालय की वेबसाइट mofpi.nic.in पर देखें जा सकते हैं। व्यक्तिगत उद्यमी एवं अन्य इच्छुक लोग योजना शुरू किए जाने तथा जिला स्तर पर संपर्क स्थानों के संबंध में अपने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के राज्य नोडल एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।



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