अजोला अपनाऐं धान के लिए जैविक खाद एवं पशुओं के लिए सदाबहार चारा पाऐं

अजोला पानी में पनपने वाला छोटे बारीक पौधो के जाति का होता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में फर्नकहा जाता है  जो सूर्य के प्रकाश में वायुमण्डलीय नत्रजन का यौगिकीकरण करता है और हरे   खाद की तरह फसल को नत्रजन की पूर्ति करता है

अजोला की विशेषतायह है कि यह अनुकूल वातावरण में दिनों में ही दो-गुना हो जाता है एजोला में . प्रतिशत नत्रजन तथा कई तरह के कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो भूमि की ऊर्वरा शक्ति बढ़ाते हैं।




अजोला का उत्पादन

  • किसी भी छायादार स्थान पर 2 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा तथा 30 सेमी. गहरा गड्ढा खोदा जाता है। पानी के रिसाव को रोकने के लिए इस गड्ढे को  प्लास्टिक शीट से ढंक देते है।
  • गड्ढे में 10-15 किग्रा. मिट्टी फैलाते है। इसके  अलावा 2 किग्रा. गोबर एवं 30 ग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट 10 लीटर पानी में मिलाकर गड्ढे में डाल देते है। पानी का स्तर 10-12 सेमी. तक होना चाहिए।
  •  अब 500-1000 ग्राम अजोला कल्चर गड्ढे के  पानी में डाल देते हैं। 
  • अजोला बहुत तेजी से बढ़ता है और  10-15 दिन के  अंदर पूरे गड्ढे को  ढंक लेता है। इसके बाद से 1000-1500 ग्राम एजोला प्रतिदिन छलनी या बांस की टोकरी से पानी के ऊपर से बाहर निकाला जा सकता है

अजोला खेती के लाभ

  • अजोला जैविक खरपतवार नाशक के रूप में काम करता है यह मिट्टी की सतह में प्रकाश को घुसने से रोकता है।इससे धान के खेतों में जलीय खरपतवार की बढ़ोतरी नहीं हो पाती है।
  • अजोला में पौष्टिकता भरपूर होती है पौधा बहते पानी से पौष्टिक तत्व अवशोषित कर लेता है तथा गलने सडऩे पर इन पौष्टिक पदार्थों को फसल के लिए उपलब्ध करवाता है।
  • अजोला सस्तासुपाच्य एवं पौष्टिक पूरक पशु आहार है  सुअरबतखपोल्ट्री फार्मों  गाय-भैंस के खाने में प्रयोग में लाया जाता 
  • पशुओं को  उनके  दैनिक आहार के   साथ 1.5 से 2 किग्राअजोला प्रतिदिन दिया जाता है तो  दुग्ध उत्पादन में 15-20 प्रतिशत वृद्धि  दर्ज की गयी है।
  • 5-15 टन ताजा एजोला प्रति हेक्टेयर डालने से धान की उपज में 13-33 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
  • पशुओं के लिए अजोला अनुशंसित मात्रा

पशु

अनुशंसित मात्रा/प्रतिदिन

गाय भैस बैल

1.5-2  कि0ग्रा0

         बछडा मुर्गी

20 – 30 ग्रा0

बकरी

300 – 500 ग्रा0

सुअर

1.5 – 2.0  कि0ग्रा0

    खरगोश

100 ग्रा0









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